समीक्षा में जुटे आला अधिकारी,चुनाव के बाद होगी कार्रवाई
ग्वालियर
प्रदेशके जिन जिलों के आरटीओ, डीटीओ और चेक पोस्टों के अमले का टैक्स वसूली का परफॉरमेंस सबसे खराब रहा है, उनको जबाव देना होगा। साल भर ढिलाई बरती गई, इसलिए यह जिले टारगेट के अनुसार टैक्स की वसूली में शुरू से ही पीछे रहे और फिर पिछड़ते ही चले गए। इसके चलते परिवहन विभाग इस बार टारगेट पूरा नहीं कर पाया। इससे विभाग के आला अधिकारी नाराज हैं। टारगेट के अनुसार टैक्स जुटाने में सबसे पीछे रहने वाले आरटीओ, डीटीओ और चेकपोस्ट प्रभारियों के ऊपर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। समीक्षा के बाद चुनाव के बाद जिलों के जिम्मेदार अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
बता दें कि परिवहन विभाग ने जिलों को जो टारगेट दिया था,उसके अनुसार शुरू से टैक्स वसूली नहीं की गई। इसके चलते मार्च माह के अंतिम दिनों में आरटीओ के ऊपर टारगेट का इतना बोझ बढ़ कि वे पूरा जोर लगाने के बाद भी टारगेट तक नहीं पहुंच सके। । इन जिलों के आरटीओ और डीटीओ को निर्देश दिए गए थे कि मार्च में कैसे भी करके टारगेट पूरा किया जाए। डीलर्स से लेकर बस आॅपरेटर्स से बात करें और एडवांस टैक्स जमा कराएं। वहीं बकाया टैक्स वाले कॉमर्शियल वाहनों की धरपकड़ करने में दिन-रात जुट जाएं। ऐसे वाहन अगर यार्डों में खड़े हैं,जो वहां पर भी छापे मारे जाएं। टैक्स की वसूली में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाए। मगर जिलों के अधिकारी अंतिम समय में वसूली नहीं बढ़ा पाए।
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